Sunday, 23 February 2020

वजूद तेरा जिंदा है

यूँ तो शिकायते तुझ से सैंकड़ों हैं मगर ,

तेरी एक मुस्कान ही काफी है

सुलह के लिये..

*******

इतना भी हमसे नाराज़ मत हुआ करो,
बदकिस्मत ज़रूर हैं हम मगर बेवफा नहीं।
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तुम पुछो और मैं ना बताऊँ, अभी ऐसे हालात
नहीं……
बस एक छोटा सा दिल टुटा है,और कोई बात नहीं ……….!!
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तुम आए थे, पता लगा…सुन कर, अच्छा भी लगा…पर गेरों
से पता चला,बेहद बुरा लगा….!!
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सीख रहा हूँ धीरे धीरे तेरे शहर
के रिवाज,
जिससे मतलब निकल जाए उसे जिंदगी से निकाल देना…
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कभी जिन्दगी का ये हुनर भी
आजमाना चाहिए,
जब अपनों से जंग हो, तो हार जाना चाहिए
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“यकीनन” मुझे आज भी इश्क है तुमसे।
बस अब बयाँ करने की आदत नही
रही।
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हमारा दिल बहुत ज़ख़्मी है लेकिन…!
मुहब्बत सर उठा के जी रही है…!!
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कहीं पर भी होती अगर एक
मंज़िल,
तो गर्दिश में कोई सितारा न होता !
ये सारे का सारा जहां अपना होता,
अगर यह हमारा तुम्हारा न होता..!
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झूझती रही ..
बिखरती रही …
टूटती रही …
कुछ इस तरह ज़िन्दगी …… निखरती
रही !
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कभी आवाज में कशिश थी कभी
नजरो में नशा था,
फिर जो तेरा असर होने लगा होश मै खोने लगा ..
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तू सब्र देख,
मैं सितम देखता हूँ..!!
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ये जो हर मोड़ पे आ मिलती है मुझसे,
ये बदनसीबी मेरी
दीवानी तो नही ?
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जिन्हें गुस्सा आता है वो लोग सच्चे होते हैं ,
मैंने झूठों को अक्सर मुस्कुराते हुए देखा है …… !!!
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दोनों ही बातों से तेरी, एतराज है मुझको,
क्यूँ तू जिंदगी में आई,और क्यूँ चली गई…
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जीने के आरजू में मरे जा रहे है लोग,
मरने के आरजू में जिया जा रहा हु में.
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छे तेने सुख नथी…
नथी तेने दुःख नथी…
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लिखने चले थे कुछ ख्याल,,,
जाने कब वो शायरी बन गई…
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तुम तो मुझे रुलाकर दूर चले गये..
मै किससे पूछूँ मेरी खता क्या है..
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मर रहे है पल-पल तेरी यादों में,
दम नहीं था सनम तेरे वादों में.
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तुम्हें नींद नहीं आती तो कोई
और वजह होगी..
अब हर ऐब के लिए कसूरवार इश्क तो नहीं..!!
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रात की सीढ़ी पर चढ़कर. ..
आसमां से कुछ सपने उतारने हैं….
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रुका हुआ है वो रास्ता आज भी वहाँ… ।
ठहरे थे साथ तुम्हारे हम, एक पल जहाँ ।।
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“क्या क्या नहीं बदला तेरे जाने से…बस एक मेरे सिवा!!”
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मेरी फितरत में खामोशी नहीं है…
मैं एक हंगामा हूँ, जो बोल पड़ता है…
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“बहुत दिन हुए तुमने, बदली नहीं
तस्वीर अपनी!
मैंने तो सुना था, चाँद रोज़ बदलता हैं चेहरा अपना!!”
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मेरी तमन्ना न थी तेरे बगैर रहने
की …. लेकिन
मज़बूर को ,मज़बूर की ,मजबूरिया.. मज़बूर कर
देती है ..!!!!
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सिर्फ इतना सा बता दो हमें,
के किस तरह से पा लें तुम्हें..!
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सिलसिले यूँ ही ग़ुस्से में तोड़े नहीं जाते..
दिल की गहराईयों में हो तुम.. तुम ये बात अब मान क्युँ
नहीं जाते.. !!
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सिर्फ तेरा नाम लेकर रह गई,
आज मैं जाने-अनजाने बहोत कुछ कह गई !
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अच्छा हुआ के उसने ही तोडा रिश्ता,
मेरे अंदर तो ऐसा होंसला नहीं था…
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बहोत कहा तुमने
बहोत सुना हमने
बहोत समझाया भी
पर न माने तुम..
चलो अब ख़त्म हुआ सब कुछ
लो हो जाओ ख़ुश अब “तुम” !!
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सौदेबाजी का हुनर कोई उनसे सीखे,
गालों का तिल दिखा कर ,सीने का दिल ले गयी
….
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सफ़र में मुश्किलें आयें, तो जुर्रत और बढती है ,
कोई जब रास्ता रोके , तो हिम्मत और बढती है….
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जिस जिस को मिली खबर सबने एक ही सवाल
किया मुझसे,
तुमने क्यों की मुहब्बत तुम तो समझदार थे…!!
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एक दूसरे से बिछड़ के हम कितने रंगीले हो गये,
मेरी आँखें लाल हो गयी और तेरे हाथ
पीले हो गये..!!!”
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बस इतना सा असर होगा हमारी यादों
का….
कि कभी कभी तुम बिना बात मुस्कुराओगे…
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” माना कि इस दुनिया में हर शख्स ठोकरों से पला है,
दिमाग वालों की दुनिया में दिल ढूँढना भी एक कला
है.!!
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ख्वाब आँखों से गए
और नींद रातों से गयी…
वो जिंदगी से गए और
जिंदगी हाथों से गयी..!!
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कशमकश जिंदगी की एक तरफ,
मेरा ऐतबार और तेरी मोहब्बत एक तरफ…
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तू मुझ में पहले भी थी,
तू मुझ में अब भी है…
पहले मेरे लफ़्जों में थी,
अब मेरी खामोशियों में है..
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तुम्हारे बगैर ये वक़्त, ये दिन और ये रात….!!
जान मेरी….!!
गुजर तो जाते हैं मगर, गुजारे नहीं जाते….!!!
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“खाएं हैं लाखों धोखे….एक और सह लेंगे…
……तू ले जा अपनी डोली…..
हम अपने जनाजे को बारात कह लेंगे !
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बग़ैर जिसके एक पल भी गुज़ारा नहीं
होता,
सितम देखिये वही शख़्स हमारा नहीं
होता !!
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पलको पर रूका है ‘समन्दर’ खुमार का,,,,
कितना अजब नशा है तेरे ‘इंतजार’ का…!!!
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कोई ठुकरा दे तो हँसकर जी लेना,
क्यूँकि मोहब्बत की दुनिया में ज़बरदस्ती
नहीं होती…
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अच्छे होते हैं ……….. बुरे लोग….।।।
जो अच्छा होने का नाटक तो नहीं करते.
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ये इश्क़ बनाने वाले की मैं तारीफ करता हूं…
मौत भी हो जाती है और क़ातिल
भी पकड़ा नही जाता..
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हम उन दिनों अमीर थे,
जब तुम करीब थे ……
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मुमकिन हो तो मेरे दिल मे रह लो ,
इससे हसीन मेरे पास कोई घर नही.
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तेरा नाम है या डाँकटर की दवा,
जब भी लेता हु बहुत शुकुन मिलता है…
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सुनो ….. ना किया करो इतनी मोहब्बत हमसे,
कि मुझे खुद की फ़िक्र करने की आदत
पड़ जाये ।
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आज तक रखे हैं पछतावे की अलमारी में,
एक दो वादे जो दोनों से निभाये ना गए…
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मेरे शेर समझने के लिए जरा दिल में दर्द चाहिए,
अगर समझ ना आये तो दर्द का मतलब भी बता सकता
हूँ……
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दिखावे की मोहब्बत तो जमाने को हैं हमसे पर…,,
ये दिल तो वहाँ बिकेगा जहाँ ज़ज्बातो की कदर
होगी…
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दिल रोज सजता है, नादान दुल्हन की तरह..!!
गम रोज चले आते हैं, बाराती बनकर..!!
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झूठ बोलते थे कितना,, फिर भी सच्चे थे हम..
ये उन दिनों की बात है,, जब बच्चे थे हम..
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शर्त लगी थी जब पूरी दुनिया को
एक ही शब्द में लिखने की,
तो वो पुरी किताबें ढुंढ रहे थे ओर मेंने
“मां” लिख दिया…
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काँच को ‘आईना’ बनाने के लिए
उसके पीछे ”पारा” चढ़ाया जाता है…
तभी तो जिसको ”आईना” दिखाओ…
उसका ”पारा” चढ़ जाता है……
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दर्द की शाम है, आँखों में नमी है,
हर सांस कह रही है, फिर तेरी
कमी है.
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वो मेरी पूरी जिंदगी है…
क्या मैं उसका,
एक लम्हा भी नहीं..?
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वो सुर्ख होंठ और उनपर जालिम अंगडाईयां, तू ही बता ,
ये दिल मरता ना तो क्या करता ..!!
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जिंदगी की दौड़ में तजुर्बा कच्चा रह
गया.
हम ना सीख पाये फरेब…. ये दिल कम्बक्त बच्चा का
बच्चा ही रह गया.
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ये रास्ते ले ही जाएंगे..
मंजिल तक, तू हौसला रख,
कभी सुना है कि अंधेरे ने सुबह ना होने दी
हो..!!
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कभी-कभी में सोचता हुँ…
उसकी नजरों के सामने मेरी मौत हो,
और मुझे छूने का हक सिर्फ उसे ना हो.
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‘दिल -ए -ज़ज़्बात किसी पर, ज़ाहिर मत कर,
अपने आपको इश्क़ में, इतना माहिर मत कर”..!!
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अगर पाना है मंझिल तो अपना रहनुमा खुद बनो,
वो अक्सर भटक जाते है जिन्हें सहारा मिल जाता है.
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बहुत जी लिये उनके लिये
“जो मेरे लिये” सब कुछ थे,
अब जीना है बस उनके लिये
“जिनके लिये हम” सब कुछ हैं.
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प्यार तो आज भी उनसे हम बहुत करते है..
पहले आखोंसे बाते हुआ करती थी,
आजकल Status बदलके बयान
करतेहै.
*******
शब्दों से ही लोगों के दिलों पे राज
किया जाता है,
चेहरे का क्या, वो तो किसी भी
हादसे मे बदल सकता है…
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अनकहे शब्दो के बोझ से थक जाता हुँ कभी-
कभी…!!!!!
पता नही खामोश रहना मजबुरी है या
संमझदारी…..!!
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मुझे सिर्फ दो चीजोंसे डर लगता है,
तेरे रोने से और तुझे खोने से..
*******
माना की तेरे प्यार का में मालिक नहीं, पर
कीरायेदार का भी कुछ हक्क तो बनता हैं !!
*******
कहती है ये दुनिया बस अब हार मान जा ,
उम्मीद पुकारती है बस एक बार और
सही।।
*******
यह जरुरी नहीं मेरी हर बात
तुम समझो,
मगर जरुरी यह है की,तुम मुझे तो समझो।।
*******
में यह नहीं कहता के मेरी,
खबर पुछो तुम..
खुद किस हाल में हो इतना,
तो बता दिया करो..
*******
मुहब्बत का ये क ख ग हमे ही क्योँ नही
आता,
यहा जिससे मिलो वो इश्क के किस्से सुनाता है…
*******
मुहब्बत नहीं है नाम सिर्फ पा लेने का,
बिछड़ के भी अक्सर दिल धड़कते हैं साथ-साथ !
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प्रेम मा ताकात छे सर्व ने झुकावानी,
नही तो राम ने क्या जरुर हती
ऐठा बोर खावानी…
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वो बोली क्या अब भी हमारी याद
आती है…!!!!
हमने भी हसकर बोला अपनी
बर्बादी को कोन भूल सकता है…!!!
*******
ठान लिया था कि, अब और,,,
नहीं लिखेंगे,,,..
पर उन्हें देखा,,, और अल्फ़ाज़
बग़ावत कर बैठे..!!!
*******
रात आती है,
तेरी याद चली
आती है.
*******
बेकसूर कोई नहीं इस ज़माने मे,
बस सबके गुनाह पता नहीं चलते.
*******
समय बहाकर ले जाता है,..
नाम और निशान।..
कोई ‘हम’ में रह जाता है
और..कोई ‘अहम’ मे ll
*******
तू याद रख,या ना रख…
तू याद है,ये याद रख….!!
*******
इस दिल को तो बहला कर चुप करा लूँगा…..
पर इस दिमाग का क्या करूँ जिसका तुमनें दही कर दिया
है…!
*******
जो वक़्त पर पसीना नहीं बहाते वे बाद में
आंसू बहाते हैं..
*******
“दुनियादारी से रूबरू हुआ तो पता चला…जिस्म में
ज़मीर का होना…इतना ज़रूरी
नही…जितना जेब में रूपया होना…!!!”
*******
तेरी चाहत का ऐसा नशा चढ़ा है,
की शायरी हम लिखते है, और दर्द पूरा ग्रुप
सहता है ।
*******
जिस रोज तेरे चाहने वालो को तू बेहद बुरी
लगेगी,
उस दिन भी तू हमे बेहद खूबसूरत लगेगी !
*******
मुझे इस बात का गम नहीँ कि बदल गया ज़माना।
मेरी जिंदगी तो सिर्फ तुम हो
कहीँ तुम ना बदल जाना।
*******
” नहीं हो सकता कद तेरा ऊँचा किसी
भी माँ से …
ऐ खुदा……
तू जिसे आदमी बनाता है, वो उसे इन्सान बनाती
है”
*******
हम फिर उनके रूठ जाने पर फ़िदा होने लगे,
फिर हमे प्यार आ गया जब वो ख़फ़ा होने लगे….!!
*******
फिर कभी नहीं हो सकती
मुहब्बत सुना तुमने !!!
वो शख्स भी एक था और मेरा दिल भी एक ।
*******
गहरी बातें समझने के लिए गहरा होना जरुरी
है,,,
और गहरा वही हो सकता है जिसने गहरी
चोटें खायी हो..
*******
मिटाने की कोशिश तुमने भी की,
हमने भी की…
हमने फासला और तुमने हमारा वजूद…
*******
मयखाने से पूछा आज,इतना सन्नाटा क्यों है..??
उसने कहा..
साहब, लहू का दौर है,शराब कौन पीता है..!!
*******
दांव पर सब कुछ लगा है, रुक नहीं सकते।
टूट सकते हैं मगर हम झुक नहीं सकते।
*******
मैंने सब कुछ पाया, बस तुझको
पाना बाकी है..
यूं तो मेरे घर में कुछ कमी नहीं, बस तेरा
आना बाकी है.!!
*******
वो बड़ी इबादत के बाद मिलता है,
जिन्हें देखने को दिल तरसा करता..
*******
उसने कहा कंहा रहते हो आज कल ?
काश उसने एक बार अपने दिल में देखा होता।
*******
बहुत खूबसूरत है आखै तुम्हारी,
इन्हें बना दो किस्मत हमारी.
हमें नहीं चाहिये ज़माने की खुशियाँ,
अगर मिल जाये मोहब्बत तुम्हारी…
*******
“थोड़ी._`सजा,.:
उन्हें भी दे देते` जज_साहब. . . .
जिसकी वजह से लोग सड़को पर सोते है…!!
*******
तुम्हारी मुस्कान से ही शुरू हुई
हमारी कहानी….
मुस्कराते रहना यही आखरी तमन्ना है
हमारी….
*******
वक्त ने बदल दिए तेरे मेरे रिश्ते
की परिभाषा,
पहले दोस्ती , फिर प्यार , और फिर अजनबी
सा अहसास ”
*******
बीजाने ” वाह ” कहेवा माटे
आपणा मां रहेली ” हवा ”
काढवी पड़े ……..
*******
दिल भी बड़ा अज़ीब मयकश है,
मिले न कुछ तो प्यास ही पी जाता है…..
*******
जो हैरान हैं मेरे सब्र पर उनसे कह दो,
जो आसूँ जमीं पर नहीं गिरते, दिल
चीर जाते हैं…!!!
*******
बेशर्म हो गयी हैं ये ख्वाहिशें मेरी…
मैं अब बिना किसी बहाने के तुम्हे याद करने लगा हूँ …
*******
ज्यादा फर्क नही रखा खुदा ने हम दोनों के
बीच…!!
तुझे चाहने वाले बहुत है तो मुझे ठुकराने वाले बहुत…!!
*******
जिन्दगी में दो चीजें कभी मत
कीजिए …..झूठे आदमी के साथ प्रेम और
सच्चे आदमी के साथ गेम ।…
*******
बचपन से लेकर आज तक सिर्फ अच्छे काम हि किये ,
बस गलती से इश्क हो गया…
*******
” बुरा ” हमेशा वही बनता हे,
जो ” अच्छा ” बन के टूट चूका होता हे ..
*******
बिछड़कर फिर मिलेंगे यकीन कितना था…
बेशक ख्वाब ही था मगर.. हसीन कितना
था….
*******
आज ख्वाब में आना जरूर,
सिर्फ तुमसे मिलने के लिए रोज सोता हूँ.
*******
यूँ सामने आकर ना बैठो,
सब्र तो सब्र है,
हर बार नही होता!!!
*******
कुछ नाकामयाब रिश्तों में
पैसे नहीं..,
बहुत सारी ‘उम्मीदें और वक्त’ खर्च हो
जाते हैं…!
*******
याद किया करो जनाब,
वरना याद किया करोगे…!
*******
दाग तेरे दामन के धुले ना धुले !!
नेकिया तेरी तराजू में तुले न तुले !!
आज ही गुनाहों से कर ले तोबा !!
ख़ुदा जाने कल तेरी आँख खुले ना खुले !!
*******
मेरे बस मे नहीं अब हाल-ए-दिल बयां करना,
बस ये समझ लो, लफ़्ज़ कम मोहब्बत ज्यादा हैं !!
*******
कहने को ही मैं अकेला हूं..पर हम चार है..
एक मैं..मेरी परछाई..मेरी तन्हाई.. और तेरा
एहसास..
*******
मैं कहाँ से लाऊ ,,बता बिकता कहाँ है ? वो नसीब जो
तुझे ,,उम्र भर के लिए मेरा कर दे ..!!
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जो लोग दर्द को समझते हैं
वो लोग कभी भी दर्द की वज़ह
नही बनते…….
*******
हम पर जो गुजरी है, तुम क्या सुन
पाओगे,
नाजुक सा दिल रखते हो, रोने लग
जाओगे!
*******
जनाजा उठा है आज कसमों का मेरी
एक कन्धा तो तेरे वादों का भी बनता है….!!!
*******
आज मुझसे पूछा किसी ने कयामत का मतलब ,
और मैंने घबरा के कह दिया रूठ जाना तेरा…
*******
मंजिल चाहे कितनी भी उंची क्यो
ना हो
दोस्तो..!!
रास्ते हमेशा पेरो के नीचे होते हे..!!
*******
शर्मों हया से उनकी पलकों का झुकना इस तरह ”
जैसे कोई फूल झुक रहा हो एक तितली के बोझ से।
*******

मुसीबत में अगर मदद मांगो तो सोच कर मागना क्योकि…
मुसीबत थोड़ी देर की
होती है और एहसान जिंदगी भर का..!!
*******
ना शौक दीदार का… ना फिक्र जुदाई की,
बड़े खुश नसीब हैँ वो लोग जो…मोहब्बत
नहीँ करतेँ…
*******
हद से बढ़ गया है तेरा नज़र अदाज करना..
ऐसा सलुक न करो की हम भुलने पे मजबुर हो जाये….।
*******

” कभी किसी का जो होता था इंतज़ार हमें…
बड़ा ही शाम-ओ-सहर का हिसाब रखते थे..”
*******

उदास रहता है मोहल्ले की बारिशों का पानी
आजकल,
सुना है कागज की नाव बनाने वाले बच्चे , अब बड़े हो
गये है…
*******
कभी देखेंगे ए-जाम तुझे होठों से लगाकर,
कि मुझमे तू उतरता है कि तुझमे मैं उतरता हूँ…
*******
नाकामयाब मोहब्बत ही सच्ची
होती है !!
कामयाब होने के बाद मोहब्बत नहीं
बचती !!
*******
“तू तो हँस हँसकर जी रही है, जुदा
होकर भी..,
कैसे जी पाया होगा वो, जिसने तेरे सिवा जिन्दगी
कभी सोची ही
नहीं..”
*******
वो बार बार पूछती है कि क्या है मौहब्बत ??
अब क्या बताऊं उसे कि उसका पूछना और मेरा न बता पाना
ही मौहब्बत है !
*******

ना डालो दिल मेरा, मेरे सीने में फिर से तुम,,
तुम्हारे पास ही रहने दो, वहाँ ये खुश तो रहता है…!!
*******
मंज़िलों से गुमराह भी कर देते हैं कुछ लोग,
हर किसी से रास्ता पूछना अच्छा नहीं होता”.
*******
लगता है मेरी नींद का किसी के
साथ चक्कर चल रहा है,
सारी सारी रात गायब रहती है..!
*******
एक मैं था जो लफ्ज़ ढूंढ ढूंढ कर थक गया…
वो ख़रीदे हुए फूल दे कर इज़हार कर गए…
*******
ये रिश्ते भी अजीब हे…
बिना विश्वास के शुरु नहीं होते . . .
और बिना धोखे के ख़तम नहीं होते …
*******
उदास नहीं होना, क्योंकि मैं साथ हूँ!
सामने न सही पर आस-पास हूँ!
पल्को को बंद कर जब भी दिल में देखोगे!
मैं हर पल तुम्हारे साथ हूँ!
*******
कहने लगी है अब तो मेरी तन्हाई
भी मुझसे,
मुझसे ही कर लो मोहब्बत , मैं तो बेवफा भी
नही..
*******
अजीब खेल है ये मोहब्बत का;
किसी को हम न मिले, कोई हमें ना मिला!
*******
जब तक तुम्हें न देखूं!
दिल को करार नहीं आता!
अगर किसी गैर के साथ देखूं!
तो फिर सहा नहीं जाता!
*******
अपने उसूल कभी यु भी तोड़ने पड़े.,
खता उसकी थी हाथ मुझे जोड़ने पड..
*******
यूँ तो तमन्ना दिल में ना थी लेकिन…
ना जाने तुझे देखकर क्यों आशिक बन बैठे…
*******
ज़िंदा रहना है तो हालात से डरना कैसा,
जंग लाज़िम है तो.. लश्कर नहीं देखे जाते…
*******
अच्छी सुरत को सवरने कि जरुरत कया हे।
सादगि मे भी कयामत कि अदा होती है।
*******
ना ज़ख्म भरे,ना शराब सहारा हुई..!! ना वो वापस लौटीं,ना
मोहब्बत दोबारा हुई..!!
*******
सच कभी नही होते मैंने वो सपनोका खेल
देखा है ,
दर्द देना नही चुकते मैंने वो अपनोंका खेल देखा है ….
*******
फ़रिश्ते ही होंगे जिनका हुआ इश्क मुकम्मल,
इंसानों को तो हमने सिर्फ बर्बाद होते देखा है !
*******
बात मुक्कदर पे आकर रूक गयी है वरना….
कोई कसर तो ना छोडी थी तुझे चाहने मे….!!!
*******
” आज कुछ और नहीं बस इतना सुनो..
मौसम मस्त है लेकिन तुम जैसा नहीं..”
*******
प्यार मे कितनी बाधा देखी,
फिर भी कृष्ण के साथ राधा देखी..
*******
” प्यार की तरह आधा अधूरा सा अल्फाज था मैं;
तुमसे जुडा ज़िंदगी की तरह पूरी
गजल बन गया.”
*******

जहाँ भूली हुई यादें दामन थाम लें दिल का,
वहां से अजनबी बन कर गुज़र जाना ही
अच्छा है.
*******
बडी देर करदी मेरा दिल तोडने मे,
नजाने कितने शायर आगे चले गये.
*******
कलाई जो पकडू तो बहुत शोर मचाती है..
ये चूड़िया आखिर तेरी लगती क्या है।।…
*******
खता इतनी की उनको पाने की
कोशिश की,,
अगर छीनने की कोशिश करते तो आज वो
हमारे होते…
*******
वो शायद मेरी आखिरी सरहद हो जैसे,
क्योकि सोच जाती ही नहीं उससे
आगे….!!
*******
चैन से रहने का हमको यूं मशवरा मत दीजिये,
अब मज़ा देने लगी हैं ज़िंदगी की
मुश्किलें…!!
*******
सुन दोस्त…..
इश्क कर ,धोखा खा और शायर बन जा ….
*******
फितरत, सोच और हालात में फर्क है, वरना,इन्सान कैसा
भी हो दिल का बुरा नही होता…
*******
भुकम्प सा है दिल की गलियो मे!!!
शायद तेरे एहसास गुज़रे है इधर से!!!
*******
कभी जो मै अगर कह दु।भुला चुका हूँ तुझको मै!
तभी बस सोच लेना कि,
लगा हु झूठ बोलने मै…
*******
लोग तब तक आप को मूर्ख समझना बन्द नही करते,
जब तक आप उन्हे मूर्ख बनाना न शुरू कर दें….!!
*******
ढूंढ़ने में बड़ा मजा आता है…
दिल में बसा कोई अपना जब खो जाता है….!!!
*******
चलो नींद के दफ्तर में हाज़िरी लगा आते हैं,
वो सपनो में आये तो ओवर टाइम भी कर लेंगे…।
*******
अगर चाहते हो की खुदा मिले..
तो वो करो जिससे दुआ मिले…
*******
“पैसा” इंसान को ऊपर ले जा सकता है,
लेकिन इंसान पैसे को “ऊपर” नहीं ले जा सकता…
*******
उगता हुआ सूरज दुआ दे आपको!
खिलता हुआ फूल खुशबू दे आपको!
हम तो कुछ देने के काबिल नहीं है!
देने वाला हज़ार खुशिया दे आपको!
*******
चाँद को बैठाकर पहरों पर; तारों को दिया निगरानी का काम;
एक रात सुहानी आपके लिए; एक स्वीट सा
‘ड्रीम’ आपकी आँखों के नाम! शुभ रात्रि!
*******
वो वक़्त वो लम्हे कुछ अजीब होंगे!
दुनिया में हम खुश नसीब होंगे!
दूर से जब इतना याद करते है आपको!
क्या होगा जब आप हमारे करीब होंगे?
*******
ऐ जिंदगी तू सच में बहुत ख़ूबसूरत है,
फिर भी तू, उसके बिना अच्छी
नहीँ लगती…
*******
मुदत बाद मिले हम और उसने कहा ” तुझे भुल जाना
चाहती हूँ मैं…. ”
आसूं आ गए आखों में ये सोच कर कि इसे अबतक याद हुं मैं…
*******
हारनेवाले वो होते हैं,
जिनके शब्द उसके कर्म से बड़े हैं,
और जितनेवाले वो हैं
जिनके कर्म उनके शब्द से बड़े होते हैं
*******
“हुनर” सड़कों पर तमाशा करता है और “किस्मत” महलों में राज
करती है!!
*******
मेरे मुकद्दर में तो सिर्फ यादें है तेरी..
जिसके नसीब में तू है, उसे ज़िन्दगी मुबारक..
*******
जिंदगी को इतना सिरियस लेने की जरूरत
नही यारों, यहाँ से जिन्दा बचकर कोई नही
जायेगा!
*******
अँधेरा हो रहा है।।।
चलो दिल जलाते है।।।
*******
वक़्त ने ज़रा सी करवट क्या ली
गैरो की लाइन में सबसे आगे पाया अपनों को !!!!!
*******
जरुरत और ख्वाइश दोनों ही तुम हो,
खुदा बड़ा मेहरबाँ हैं कोई एक तो पूरी होगी !!
*******
जाने कितनी रातो की नींदे ले गया
वो…
जो पल भर मोहब्बत जताने आया था…
*******
वो पूछते हैं इतने गम में भी खुश क्युँ हो,
मैने कहा प्यार साथ दे न दे यार साथ हैं……..
*******
क्या ख़ूब होगा जिस दिन तेरा दीदार होगा,
एक दीवाने के लिए इससे बड़ा क्या उपहार होगा..!!!
*******
बस ज़रा स्वाद में कड़वा है,.
नहीं तो
“सच” का कोई जवाब नहीं…।
*******
” घबरा के आसमान की तरफ देखते हैं लोग..
जैसे खुदा ज़मीन पर मौजूद ही न हो…”
*******
ये रिश्ते भी अजीब है, बिना विश्वास के शुरु
नहीं होते,
और बिना धोखे के ख़तम नहीं होते..!!!
*******
इतना भी प्यार किस काम का,
भूलना भी चाहो तो नफ़रत की हद तक जाना
पड़े…
*******
उसकी मोहब्बत पे मेरा हक़ तो नहीं लेकिन,
दिल करता है के उम्र भर उसकी इंतज़ार करूँ….
*******
दो अक्षर की “मौत” और तीन अक्षर के
“जीवन” में ढाई अक्षर का “दोस्त” बाज़ी मार
जाता हैं..
*******
ये बात समझने में उम्र बीत गई ग़ालिब,
बचपना करने से बचपन वापिस नहीं आता !!!
*******
” निंदा ” तो उसी की होती है जो
” ज़िंदा ” है,
मरे हुए की तो बस तारीफ ही
होती है ।
*******
मैं थोड़ी देर तक बैठा रहा उसकी आँखोंके
मैखानेमें;
दुनिया मुझे आज तक नशे का आदि समझती है।
*******
तेरे मेरे दरमियाँ जो फासला है,
वो तेरी साजिश है या खुदा का फैसला है..!!
*******
तुम मुझमे पहले भी थे, तुम मुझमे अब भी
हो,
पहले मेरे लफ़्ज़ों में थे, अब मेरी खामोशियों में हो !
*******
नफरतों से भरी इस दुनिया में कोई है जो मेरी
खुशियों की फ़िक्र करता है,
भगवान उनकी हर तमन्ना पूरी करे, जो
अपनी प्रार्थना में भी मेरा ज़िक्र करता है !
*******
तुझे उदास भी करना था खुद भी रोना था…
ये हादसा भी मेरी जान कभी तो
होना था..!!
*******
क़ुर्बान हो जाऊं मुस्कराहट पे तुम्हारे,
या इसे देखकर जीने का एक बहाना ढूंढ लूं…
*******
फिर वही दिल की गुज़ारिश, फिर
वही उनका ग़ुरूर…
फिर वही उनकी शरारत, फिर
वही मेरा कुसूर…!!
*******
इकरारनामा मुहब्बत का लिए घूमतेहैं….
बस… इक तेरे दस्तखत मिल जाते…
*******
उसने कहा क्या चल रहा है आजकल
हमने भी कह दिया “सिर्फ साँसे”!
*******
सब कुछ हासिल नहीं होता है जिंदगी में..
किसी का काश और किसी का अगर रह
ही जाता है…
*******
जिनका मिलना नहीं होता किस्मत में,
उनकी यादें कसम से कमाल की
होती हैं..
*******
तुम्हारी शर्तो से शहेनशाह बनने से बहेतर है,
की अपनी शर्तो पे फ़क़ीर बन
जाऊँ ..!!!
*******
चलो मुस्कुराने की वजह ढुंढते हैं,
तुम हमें ढुंढो.. हम तुम्हे ढुंढते हैं..!
*******
मैँ कैसा हूँ’ ये कोई नहीँ जानता,
मै कैसा नहीँ हूँ’
ये तो शहर का हर शख्स बता सकता है…
*******
ये तो बड़ा मुझ पर अत्याचार हो गया, खामख्वाह मुझे तुझसे प्यार हो
गया |
*******
कभी हम हीं थे तेरे हमसफर ऐ दोस्त,
मंजिल मिल गई तुम्हें तो पहचानते नहीं।
*******
ढूंढते हो क्या आँखों में कहानी मेरी….
खुद में गुम रहना तो आदत है पुरानी
मेरी…..
*******
आदत बना ली मैंने खुद को तकलीफ देने
की ,
ताकि जब कोई अपना तकलीफ दे तो ज्यादा
तकलीफ ना हो…!!!
*******
मुझे अपने, लफ़्जो से,
आज भी शिकायत है…
ये उस वक्त, चुप हो गये,
जब इन्हें बोलना था…
*******
मुझे वजह ना दो हिन्दू या मुसलमान होने की,
मुझे तो सिर्फ तालीम चाहिए एक ”इंसान” होने
की..
*******
जिस तरह अपनी पहचान खुद बनाई है..
उसी तरह
अपनी जन्नत भी खुद बनाऊंगा…!!.
*******
लिख के उसे मिटाने की बुरी आदत है कि,
इसी वजह से मैं उसके तकदीर में आते-
आते रह गया।
*******

कबूल करो मुझे बिना आजमाए हुए,
कि हीरा परखे बगैर भी हीरा
होता है !!
*******

“अपनी जिद को अंजाम पर पहुँचा दू तो क्या…,,,,
तू तो मिल जायेगी पर तेरी मोहब्बत का
क्या….???”
*******
वो पूछते हैं क्या नाम है मेरा…
मैंने कहा बस अपना कहकर पुकार लो…!!
*******
वो बदल गयी,वक्त की मजबूरियाँ बोलकर..
साफ शब्दों में खुद को,बेवफा न बोली..
*******
सांसे बस दिखाने के लिये लेता हूं.
वरना जिंदगी तो मेरी तुम ही हो!
*******
क्या किस्मत पाई है रोटीयो ने भी निवाला
बनकर,
रहिसो ने आधी फेंक दी,
गरीब ने आधी में जिंदगी गुज़ार
दी!!
*******
कुछ उनकी मजबुरीयां, कुछ मेरी
कश्मकश बस युँ ही,.एक खूबसूरत कहानी
को खत्म कर दिया हमने.
*******
तु मेरी चाहत का एक लफ्ज भी ना पढ
सकी..
..
मै तेरे दिए हुए दर्द कि किताब पढते पढते अक्सर सो जाता हू..!!
*******
हम भी फूलों की तरह अक्सर तनहा
ही रहते हैं,
कभी खुद से टूट जाते है तो कभी कोई और
तोड़ जाता है..
*******
मैंने छोड़ दिया है किस्मत पर यकीन करना,,,
अगर लोग बदल सकते है तो किस्मत क्या चीज है …..
*******
उनके ही लौटने का बेसब्री से हमे इन्तजार
है..
अरसा गुजर चूका है पर अब भी उसका इन्तजार है..!!
*******
तुम मेरे पास थे ..हो.. और रहोगी…
ख़ुदा का शुक्र है यादों की कोई उम्र नहीं
होती..
*******
तुम से मुमकिन हो तो फिर रोक दो साँसें मेरी,,
दिल जो धड़केगा, तो फिर याद तो तुम आओगे..!!
*******
“अफवाह थी… कि मुझें इश्क हुआ है… पर लोगों ने
पूछ पूछ कर आशिक बना दिया..!!
*******
दुश्मन भी हमारी हालत पै हस कर बाेला,
जिसका हम कुछ ना कर पाये,
उसका माैहबबत ने क्या हाल कर दीया…!!!
*******
“शिकायत खुद से भी है औरो से भी और
खुदा से भी.,
जो चाहा वो हासिल नही,जो मिला वो मुझे मंजूर
नही..”
*******
तुम सामने आये तो.अजब तमाशा हुआ..
हर शिकायत ने जैसे, खुदकुशी कर ली”.
*******
रहता हूँ मयखाने में तो शराबी ना समझ मुझे …
जो मंदिर में रहता है वो, हर शख़्स पुजारी
नहीं होता …
*******
मोहब्बत को मज़बूरी का नाम मत देना,
हकीक़त को हादसों का नाम मत देना,
अगर दिल में हो प्यार किसी के लिए तो,
उससे कभी दोस्ती का नाम मत देना…
*******
एक घमंडी लडकी कहती है
की …मत देख मेरे सपने मुझे
पाने की तेरी औकात नहीं ….मैंने
भी देख कर कह
दिया ….आना हो तो आजा मेरे
सपनो में…हकीकत में आने की
तेरी औकात नहीं ….
*******
“आज फिर किसी ने ये अहसास दिला दिया कि,
ज़िस्म मे ज़मीर का होना उतना ज़रूरी
नही जितना कि ज़ेब मे रुपयों का होना…”
*******
नहीं करेंगे आज के बाद कभी मन्नतें
तुम्हारी….
खुदा जब राजी होगा तब तुम
तो क्या, हर चीज़ मेरी होगी…..
*******
ज़रूरी तो नहीं के जो ‘शायरी’ करे
उसे
‘इश्क’ हो,
ज़िन्दगी भी कुछ ‘ज़ख़्म’ “बे-मिसाल ”
देती है !!
*******
उल्टी ही चाल चलते हैं, इश्क़ में
दीवाने !
आँखों को बंद करते हैं, दिदार के लिये !!
*******
“इतनी तो तेरी सूरत भी
नहीं देखी मैने,
जितना तेरे इंतज़ार में घड़ी देखी है!”
*******
मेरे आसुंओ के दाम तू चुका नहीं पायेगी..,
तू मेरी मौहब्बत न ले सकी तो दर्द
क्या खरीदेगी….!!
*******
मेरी हथेली को तुम अपने पास रख लो, जब
दुआ मांगो तो इसको भी उठा देना..
खुशी मिले तो अपने हाथ आगे कर देना गम मिले तो
मेरी हथेली में थमा देना…
*******
ला तेरे पेरों पर मरहम लगा दूं…
कुछ चोट तो तुझे भी आई होगी मेरे दिल को
ठोकरमार कर…!!!
*******
जिन्दगी आज कल गुजर रही है इम्तिहानो
के दौर से…..
एक जख्म भरता नही दूसरा आने की जिद
करता है..
*******
अपने शब्दों में ताकत डालें आवाज में नहीं.
बारिश से फूल उगते हैं, तूफ़ान से नहीं….
*******
नमक होना चाहिए स्वाद अनुसार,
और अकड होनी चाहिए औकात अनुसार ।
*******
मेरा दर्द किसी की हसने की
वजह जरुर बन सकता है!
लेकिन मेरी हसी किसी के दर्द
की वजह नहीं बननी चाहिए!
*******
जिनके इरादे नेक होते हैे,
उनके दोस्त अनेक होते हैं.!
*******
तक़दीर का ही खेल है सब,
पर ख़्वाहिशें है की समझती
ही नहीं…..
*******
बारिश और महोबत दोनों ही यादगार होते हे,
बारिश में जिस्म भीगता हैं और महोबत मैं आँखे…..
*******
सोचता हूँ धोखे से ज़हर दे दूँ..
सभी ख्वाहिशों को दावत पे बुला कर..
*******
मुझमे खामिया बहोद सी होंगी मगर एक
खूबी भी है मै
कीसीसे रिश्ता मतलब के लीये
नहीं रखता…
*******
शाख़ से तोड़े गए फूल ने हंस कर ये कहा,
अच्छा होना भी बुरी बात है इस दुनिया में.
*******
किसी के दिल में क्या छुपा है ये बस खुदा ही
जानता है,
दिल अगर बेनकाब होता तो सोचो कितना फसाद होता!!!!
*******
ओ सनम जिस रब ने तुजे चांद सी सूरत दी
है ,
उसी रब ने मुजे तेरे लिये बेपनाह मोहब्बत
भी दी है.
*******
दुश्मन और सिगरेट को जलाने के
बाद….
उन्हे कुचलने का मज़ा ही कुछ
और होता है……!!!
*******
शराब पीने का शौक ऱखते है….पर नशे मे बोतल
गीर ना जाऐ उसका खौफ भी रखते हैैैै…….
*******
बहाने मौत के तो तमाम नज़र आते हैं,
जीने की वजह तेरे सिवा, कुछ
नही…….
*******
बेशक तुम्हारे बिना जिन्दगी काट सकता हूँ… . .
जिन्दगी जी नहीं सकता…
*******
कदम रखना सम्हल कर महफिले-रिंदा में ए जाहिद,
यहां पगडी उछलती है, इसे मयखाना कहते
है..
*******
नादान दुनिया हरेक बात का दिन तय करती है ,
“दोस्ती” का जश्न किसी दिन का मोहताज
नही..
*******
तेरी आँखों से यून तो सागर भी पिए हैं मैने,
तुझे क्या खबर जुदाई के दिन कैसे जिए हैं मैने…
*******
झूठ कहते हैं लोग, शराब गम हल्का कर देती है ,
मैंने देखा है अक्सर खुद को नशे में रोते हुए …….
*******
जिक्र तेरा है, या कोई नशा है,,,!
जब-जब होता है, दिल बहक जाता है..
*******
सिर्फ़ परेशाँ जाते हैं…
मंदिर भी मयखाने भी…!!!
*******
ये शाम का तस्व्वुर, ये मयखाने का बयान…
तुम खुदा न होते तो हम ख़ुद को खुदा समझते….
*******
मंज़िलों के ग़म में रोने से मंज़िलें नहीं मिलती;
हौंसले भी टूट जाते हैं अक्सर उदास रहने से।
*******
हमने भी जिन्दगी के आगे कभी
हाथ न फैलाए थे;
वो तो ये आँखें ही खुदगर्ज निकल गईं,
जो रोज नए ख्वाब देख हमें नीचा दिखाती
रहीं…!!
*******
इश्क के फूल खिलते हैं तेरी खूबसूरत आंखों में..,
जहां देखे तू एक नजर वहां खुशबू बिखर जाए॥….
*******
हाथ मेँ पैमाना थाम| है, उँगलियोँ मे सिगरेट फाँसा है.. धुँआ धुँआ
तेरी यादे है, हकीकत तेरा नशा है..
*******
‘मेरी चाहत को मेरे हालात के तराजू में कभी
मत तोलना,
मेने वो ज़ख्म भी खाए है जो मेरी किस्मत में
नहीं थे.
*******
इतने ज़ालिम न बनो
तुम पे मरते हैं,, तो…
मार ही डालोगे क्या…..?
*******
कोई इज्जत ढकता है फटे चिथड़ों से ग़ालिब…
कोई नंगा हो के महफिले लूट लेता है…..
*******
बस इन्सान ही है जो किसी से मिलता जुलता
नहीं..
वरना ज़माना तो भरपूर मिलावट का चल रहा है…
*******
मोह्हबत तो वो बारिश है जिससे छूने की चाहत में..
हथेलिया तो गीली हो जाती है
पर हाथ खाली ही रह जाते है..
*******
कहाँ जा रहे हो तुम बिछड़ कर हमसे,
कौन सी जगह है जहां यादों से बच पाओगे…
*******
वादा दोनों ने किया जीना मरना साथ,
कहीं जिस्म नीला हुआ कहीं
पीले हाथ.”
*******
तौहीन ना कर शराब को कड़वा कह कर,
जिंदगी के तजुर्बे शराब से भी कड़वे होते
है.
*******
किसी के ज़ख्म का मरहम, किसी के ग़म का
ईलाज ।।
लोगो ने बाँट रखा है मुझे.. दवा की तरह।।
*******
“एक रोटी न दे सका कोई उस नादान को ,
लेकिन वो तस्वीर लाखों में बिक गई जिसमे वो भूका बैठा था।
*******
सिमटते जा रहें हैं दिल और ज़ज्बात के रिश्ते…..
सौदा करने मे जो माहिर है, बस वही धनवान है…..!!!
*******
ये पेड़ ये पत्ते ये शाखें भी परेशान हो जाएं !
अगर परिंदे भी हिन्दू और मुस्लमान हो जाएं…
*******
हार जाउँगा मुकदमा उस अदालत में, ये मुझे यकीन था..
जहाँ वक्त बन बैठा जज और नसीब मेरा
वकील था…
*******
मे तो खेर इन्सान हु सनम..
हवा भी तुझ को छू कर देर तक नशे मे
रेहती हे…!!
*******
“जिंदगी के सफ़र को लफ्जों में पिरोया है.,
अपनी हर ग़ज़ल को दर्द में भिगोया है.,
PLEASE आज वाह-वाह न कहना.,
क्यूंकि दिल आज फिर किसीकी याद में रोया
है..”……….;-(;-(;-(
*******
तेरा याद आ जाना”
हो सकती है. ” बात ज़रा सी ”
मगर, यह बात बहुत देर तक याद आती है…
*******
फ़क्र ये के तुम मेरे हो,
फ़िक्र ये पता नही कब तक…
*******
दो अक्षर की “मौत” और तीन अक्षर के
“जीवन” में ढाई अक्षर का “दोस्त” बाज़ी मार
जाता हैं…
*******
ज़रा “क़रीब” आओ.. तो शायद हमे समझ पाओ..
यह “दूरियां” तो सिर्फ गलत फेहमियां बढाती हैं.. !
*******
रह रह के ताजा हो जाते हैं जख्म ,
हवा भी मजाक करती है खिड़कियों के
सहारे…
*******
यूँ तो मारे थे पत्थर मुझे बहुतों ने लेकिन
जो दिल पे लगा वो पत्थर तेरा था।
*******
किस्मतवालों को ही मिलती है पनाह मेरे दिल
में,
यूं हर शख़्स को तो जन्नत का पता नहीं मिलता……
*******
“रात भर गिरते रहे उनके दामन में मेरे आँसू…..
सुबह उठते ही वो बोले कल रात बारिश गजब
की थी…….”
*******
मदद नाते-रिश्तेदारों से ना लेना कभी !
वक्त बेवक्त बदनाम एहसान गिनाए जाते हैं !!
*******
अपने सायें से भी ज़यादा यकीं है मुझे तुम
पर,
अंधेरों में तुम तो मिल जाते हो, साया नहीं मिलता……..!!
*******
फट गयी है कमीज रिश्ते की
ग़लतफ़हमियों की कील में फंस के,
सोचता हूँ माफ़ी के धागे से सी दूंगा
कभी…
*******
“ख़ुदा का हुक्म होता है तो फिर ऐसा भी होता है ,
हवाओं को चरागों की हिफाज़त करनी
पड़ती है !”
*******
हमसे मत पूछो जिंदगी के बारे मे ,
अजनबी क्या जाने अजनबी के बारे मे ….
*******
एक हद तक तुझे चाहा तो,ख़ुदा को भी मंज़ूर था,
फिर उस हद के बाद तो, ख़ुदा को भी जलन होने
लगी……!!
*******
माना कि बहुत कीमती है वक़्त तेरा मगर…
हम भी नवाब हैं बार-बार नहीं मिलेंगे…!!
*******
अजीब है न हमारे देश का संविधान…गीता पर
हाथ रखकर कसम खिलायी जाती है सच
बोलने के लिये.. मगर गीता पढ़ाई नहीं
जाती सच को जानने के लिये..!!
*******
“चंद साँसे खरीदने के लिए ,
रोज़ कुछ ख़्वाब बेच देता हूँ…!”
*******
यकीन था कि तुम भूल जाओगे मुझको,
खुशी है कि तुम उम्मीद पर खरे उतरे ….!!
*******
एक बार नही हजारबार ये दिल तुटा
पर मोहब्बत करने का शौक अभी तक नही
छुटा.!
*******
फ़रिश्ते ही होंगे जिनका इश्क मुकम्मल होता है,
हमने तो यहाँ इंसानों को बस बर्बाद होते देखा है…
*******
ज्यादा बोझ लेकर चलने वाले अक्सर डूब जाते हैं.
फिर चाहे वो अभिमान का हो
या गुमान का………..
*******
ऐसा ना हो तुझको भी दीवाना बना डाले,
तन्हाई मैं खुद अपनी तस्वीर न देखा कर …
*******
किसी टूटे हुए मकान की तरह हो गया है
ये दिल,
कोई रहता भी नही,
और कमबख्त बिकता भी नही…
*******
ये चंद लोग जो बस्ती में सबसे अच्छे हैं,,
उन्हीं का हाथ है मुझको बुरा बनाने में..
*******
नवाबी तो हमारे खुन मे है..
पर
पता नही
ये दिल कैसे गुलामी करना सीख गया!!
*******
तजुर्बे ने शेरों को खामोश रहना सीखाया,
क्योंकि दहाड़ कर शिकार नहीं किया जाता…
*******
चले आते हो बिना वजह खयालो मे,
एक वजह तो बताते दूर होने की..!!
*******
हर रोज़ बदलते हो प्रोफाइल पिक्चर..
तुम कहीं ठहरो तो कोई पहचान बने..
*******
अजब ज़ज्बा है जवानी मेँ इशक करने का
उम्र जीने की और शोँक मरने का…
*******
वो खेलती है मुझसे मुझे भी ये पता है ,,,
पर उसके हाथ का खिलौना होने में भी एक मज़ा है .!
*******
ना ऊँच नीच में रहू ना जात पात में रहूँ !!!!
तु मेरे दिल में रहे प्रभु और में औक़ात में रहूँ !!
*******
लगती है जिन के दिल पर, वोह आँखों से
नहीं रोते,
जो अपनों के ही ना हो पाये, वोह किसी के
नहीं होते…
*******
मुह माँगा दाम दूंगा यारो…
मुझे ऐसे काबिल सपेरे से मिलवा दो…
जो आस्तीन में छुपे साँपों को निकाल दे…।
*******
रात भर की उदासियों के बाद,
ये भी एक हुनर ही मानो,
कि हम,
हर सुबह एक बार फिर से जिंदगी सँवार लेते हैं …!
*******
दोस्त को दौलत की निगाह से मत देखो…
वफा करने वाले दोस्त अक्सर गरीब हुआ करते हैं…!!!
*******
अनजान थे हम एक दुसरे से,
तब तक फिक्र ना कोई थी…
बस एक रोज की मुलाकात ने,
एक दूजे का जरूरतमंद बना दिया |।।
*******
चलो दूर चलते है इस इंटरनेट से…
घर के रिश्ते “इंतजार” कर रहे है….
*******
“दीन तो कुतो के आते है,
अपना तो जमाना आयेगा.!”
अक्सर वही लोग उठाते हैं हम पर
उंगलिया…
जिनकी हमें छूने की औकात
नहीं होती…
*******
अगर तू वजह न पूछे तो एक बात कहूँ ….!
बिन तेरे अब हमसे भी जिया नहीं जाता…
*******
चेहरे पर सुकून तो बस दिखाने भर का है..
वरना बेचैन तो दिल जमाने भर का है…!..
*******
अच्छी सूरत को सवारने की ज़रूरत क्या है;
सादगी भी तो क़यामत की अदा
होती है।
*******
तुझसे अच्छे तो मेरे दुश्मन निकले….;
जो हर बात पर कहते हैं.. ‘तुम्हें नहीं छोड़ेंगे”
*******
सुना है जो शराब पीते हैं उनकी दुआ कुबूल
नहीं होती !!
जिन्हें शराब मिल जाए उन्हें किसी दुआ की
ज़रूरत नहीं होती…
*******
अक्सर वो फैसले मेरे हक़ में गलत हुए,
जिन फैसलो के नीचे तेरे दस्तखत हुए..!!
*******
वो दुआएं काश मैने दीवारों से मांगी
होती,,
ऐ खुदा……
सुना है कि उनके तो कान होते है…
*******
बेटी को गर्भ में मारने वाले परिवार के लड़को को
सूनी कलाई मुबारक हो।
*******
“ये नज़र चुराने की आदत आज भी
नही बदली उनकी…!!
कभी मेरे लिए ज़माने से और अब जमाने के लिए
हमसे………..!!
*******
इन्सान का लहू पीना यह रस्म आम है,
अंगूर की शराब का पीना हराम है ………..
*******
ऊसकी बोहोत याद आ रहि है….
दोस्तो दुवा करो
मेरी याददास्त चली जाए…..
*******
देख ज़माने ने,कैसी तोहमत लगाई है;
नशीली आखें तेरी और
शराबी हमें कहते है..!!
*******
बेटियों के जन्म पर मातम मनाने वालों…
.
आज उस घर में जाकर देखो जहाँ बेटियाँ नही है ।।
*******
जिस दिन अख़बार में छपेगा ये समाचार,
के देश में नही हुआ एक भी बलात्कार,
उसी दिन सार्थक होगा रक्षाबंधन का त्यौहार….
*******
परिन्दो को मिलेगी मन्जिल यकीनन,, ये फैले
हुए उनके पन्ख बोलते हैं।।
वो लोग रहते हैं खामोश अक्सर,, जमाने में जिनके हुनर बोलते हैं।।
*******
जब भी रब दुनिया की किस्मत में चमत्कार
लिखता है.
मेरे नसीब में थोड़ा और इंतज़ार लिखता है.
*******
बहुत तमन्ना थी तुम्हारा हो जाने की….
पर क्या पता था…
कि तुम्हें आदत ही नहीं किसी
को अपना बनाने की…
*******
मिलने का वादा मुंह से तो उनके निकल गया,
पूछी जगह जो मैंने, कहा हंस के की ख़्वाब
में…
*******
जिसकी फितरत थी बगावत करना ,
तुमने उस दिल पर हुकूमत की है..
*******
हम वो शेर हे जीसकी गुफा मे लोगो के पेरो
के आने
के नीसान होते हे…. पर जाने के नही….
*******
कितने बरसों का सफर यूँ ही ख़ाक
हुआ।
जब उन्होंने कहा “कहो..कैसे आना हुआ ?”
*******
सुबह को तेरे जुल्फों ने शाम कर
दिया…..
*******
बिखर बिखर सी गयी हैं किताबें
साँसों की…
ये कागज़ात कब कहाँ उड़ जाए ये ख़ुदा जाने…
*******
वो इश्क़ था
या
बवाल था…..
ये
जान-लेवा
सवाल था…..!!!
*******
एक साथ-एक याद, एक याद-एक
दुख, एक दुख-एक चुप, एक चुप-एक रात,
एक रात-एक साथ…
*******
इस ‘नहीं ‘का कोई इलाज नहीं…….
रोज़ कहते हैं आप आज नहीं….!!
*******
हाथों की लक़ीरों में वो मिल
जाए तो क्या बात हो,
वो जिसके बिना ये
हथेलियाँ सूनी सी लगती ह…
*******
ऐ सनम, जिसने तुझे चाँद सी सूरत
दी है……….
उसी अल्लाह ने मुझको भी मुहब्बत
दी है…..!!
*******
“बला की प्यास के मारे हैं हम दोनों ज़माने में,
तुम्हारे सामने दरिया, हमारे सामने हो तुम।।।
*******
कुछ अज़ब ढंग से छुआ है हवा ने रुख
को मेरे…
कहीं तुमने इसे चूमके तो नहीं भेजा था ??
*******
तुम्हारे पहले भी बहुत सारे सवाल थें
ज़िन्दगी पर, मौत पर हार पर,
जीत पर तुम्हारे आने पर भी सवाल
वही हैं, पर जवाब एक ही है – “तुम”
*******
हम हलकी हलकी आहें भरते हैं उन्हें
देखके…
उनके कानो से जुल्फें जब हट
जाया करती है…
*******
ज़िस्म से मेरे तडपता दिल कोई
तो खींच लो , मैं बगैर इसके
भी जी लूँगा मुझे अब ये यकीन
है ……
*******
तुम्हे छेड़ने का मन करता हैं… छोड़ने
का नही…
*******
“तुझको बिल्कुल भूल गया हूँ,
जा तू भी क्या याद करेगा…।।।
*******
वो परिंदे जो उड़
जाते है फ़िर लौटकर नहीं आते
उनका हिसाब क्या ? दर्द और
राहत दो मासूम परिंदे
ज़िन्दगी से उड़कर कहाँ जाते है ?
*******
वफा, मजहब,
ईमानदारी …कैसी बात करते
हो?
उस दौर में इंसान थे, ये दौर
कुछ और है…
*******
तुम्हारे जुल्फों के पनाह में… मरके
थोडा जी लेने दो ना…
*******
कब तलक ख़ुद को समेटा जाये,
चल कोई ख़्वाब निचोड़ा जाये…
*******
तुम्हारे सपने पूरे नहीं हुए….?
मुझे तो नींद तक नहीं आती….
*******
पथ्थर समझ के हमें मत ठुकराओ ,
कल हम मंदिर में भी हो सकते है…
*******
वक़्त ख़ुशी से काटने का मशवरा देते
हुये ..
रो पड़ा वो ख़ुद ही मुझको हौंसला देते हुये !
*******
इश्क़ कहता है इश्क़बाज़ी कर,
अकल कहती है ख़ुदा राज़ी कर,
इश्क़ करता है बात क़ायदे की,
अकल करती है बात फायदे की…
*******
“क्या कोई नई बात नज़र आती है
हम में …!!
आईना हमें देख के हैरान
सा क्यूँ है”?
*******
तन्हा रात में जब तेरी याद आयी, तन्हाई
मिटाने को हमने एक सिगरेट जलाई,
ना जाने कैसे कयामत हो गयी, और धुएं ने भी
तेरी तस्वीर बनायी |
*******
बिछड़ के मुझसे तुम अपनी कशिश न
खो देना,
उदास रहने से चेहरा ख़राब होता है।
*******
किताब में दबी….. जब
तेरी उलटी तस्वीर नज़र
आती है
“तेरा वो पलट के देखना याद
आता है….”
*******
मैंने मन ही मन कहा और तुमने सुन
भी लिया । बड़ी जल्दी सुन लेते
हो..
*******
आजकल कुछ ख़ास लगती हो, बात
क्या है कुछ तो छुपाती हो!
*******
दिल के छालों को कोई शायरी कहे कोई बात
नहीं,
तकलीफ़ तो तब होती है जब लोग वाह-
वाह करते हैं।
*******
सुबूत हैं मेरे घर में धुएं के ये धब्बे ….
अभी यहाँ पर उजालों ने ख़ुदकुशी
की है…
*******
लोग जाते हे मंदीर मस्जीद, दुआ मांगने राम
से,
जनमदीन हो मुबारक, तु मीला हमे
साकी जाम से |
*******
उठो तो ऐसे उठो, फक्र हो बुलंदी को भी;
झुको तो ऐसे झुको, बंदगी भी नाज़ करे
*******

वजूद तेरा जिंदा है यूँ तो शिकायते तुझ से सैंकड़ों हैं मगर , तेरी एक मुस्कान ही काफी है सुलह के लिये.. ******* इत...