Tuesday 4 September 2012

Mohd Nizamuddin

मोहम्मद निज़ामुद्दीन मंसूरी 

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वजूद तेरा जिंदा है यूँ तो शिकायते तुझ से सैंकड़ों हैं मगर , तेरी एक मुस्कान ही काफी है सुलह के लिये.. ******* इत...